भगवान - एक कविता। God - A Poem

 भगवान 


भगवान - एक कविता। God - A Poem


सब कहते हैं भगवान हमारा बाप है,

 वही है जो हमें बनाया है,

 तो मानो उसे दिल से 

मानते हो क्यों डर से!


कभी सुना है,

कोई कहते हैं अपने बाप से,

ए करदो मैं वह दूंगा?

यहां ही खत्म नहीं, बहुत है-

 भगवान गुस्सा हो गया तो

 विनाश कर देगा!

 क्या कोई षाप ऐसा करेगा?

 भगवानका प्रकोप लगा है

 पूजा करना पड़ेगा!

 पूजा करके बापको संतुष्ट करना पड़ता है!

 और है! और है!


अब सुनो मेरे बात,

 अगर वह सब सच है

 तो वह भगवान हमें बनाया नहीं है,

 क्योंकि बनाने वाला का जिम्मेदारी होता है 

अपने सृष्टि को अच्छेसे रखनेका।

 भगवान कभी गैर जिम्मेदार नहीं हो सकता!


इसलिए भगवान से डरो मत 

वह है हमारा रखवाला,

 यह तो है कुछ भ्रष्टाचार व्यापारी

 जो भगवानका नामका डर फैलाया।


पढ़िए अगला कविता (तकलीफ)
पढ़िए पिछला कविता (दिमाग का खेल)

भगवान - एक कविता। God - A Poem


Comments

Popular posts from this blog

नया शुरुआत - एक कविता। New Beginning - A Poem

ওয়াল ম্যাগাজিন - একটি কবিতা। Wall Magazine - A Poem

ফেয়ারওয়েল কবিতা। Farewell - A Poem

Social Service - A Poem

বিদ্যাসাগর - একটি কবিতা। Vidyasagar - A Poem

Greed - A Short Story

Something Special - A Poem