मंजिल - एक शायरी। Destination - A Shayeri
पानी जरूर मिलेगा, प्यास तो जगा
मंजिल जरूर मिलेगा, हौसला तो दिखा,
पानी जरूर मिलेगा, प्यास तो जगा
मंजिल जरूर मिलेगा, हौसला तो दिखा,
यूं ही समय बर्बाद ना कर मेरे दोस्त
सिकंदर बन सकते हो, मेहनत का आग तो जगा।
पानी जरूर मिलेगा, प्यास तो जगा
मंजिल जरूर मिलेगा, हौसला तो दिखा,
पानी जरूर मिलेगा, प्यास तो जगा
मंजिल जरूर मिलेगा, हौसला तो दिखा,
यूं ही समय बर्बाद ना कर मेरे दोस्त
सिकंदर बन सकते हो, मेहनत का आग तो जगा।
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