मतदान - एक कविता। Vote - A Poem
मतदान
किस लिए यह सब, किस लिए!
एक से डेढ़ घंटा लाइन पर रहके
करते हो मतदान!
पता तो है,
जो आते हैं मांगने वोट
वह सब नहीं है इंसान !
तो किस लिए, क्यों जाते हो?
जानवरों को क्षमता देने का भूल
क्यों करते हो?
वह सब चाहते हैं लूटने
तुम्हें, तुम्हारा देश को,
मत वोट दो इस जानवरों को!
पहले पूछो, क्यों?
इतना दिन क्या किया?
जीत के क्या करोगे?
कितना रुपया खर्च किया, और कितना लूटोगे?
लो हिसाब अच्छे से,
उसके बाद जो मतदान करने!
मत चुनो ऐसे नेता
जिनका राजनीति के अलावा कोई काम नहीं,
और एक बार जिसे चुनेहो
दोबारा उसे चुनना नहीं।
एक से डेढ़ घंटा लाइन पर रहके
करते हो मतदान!
पता तो है,
जो आते हैं मांगने वोट
वह सब नहीं है इंसान !
तो किस लिए, क्यों जाते हो?
जानवरों को क्षमता देने का भूल
क्यों करते हो?
वह सब चाहते हैं लूटने
तुम्हें, तुम्हारा देश को,
मत वोट दो इस जानवरों को!
पहले पूछो, क्यों?
इतना दिन क्या किया?
जीत के क्या करोगे?
कितना रुपया खर्च किया, और कितना लूटोगे?
लो हिसाब अच्छे से,
उसके बाद जो मतदान करने!
मत चुनो ऐसे नेता
जिनका राजनीति के अलावा कोई काम नहीं,
और एक बार जिसे चुनेहो
दोबारा उसे चुनना नहीं।
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