परिणाम - एक कविता। Result - A Poem

 परिणाम 


परिणाम - एक कविता। Result - A Poem

कर लिया बहुत कुकर्म
 सहेलियां, सबको जितना सहना था,
 अब होगा फैसला
 तैयार हो जाओ भुगतने परिणाम।
 
लूट तूने बहुत
 भगवान को भी नहीं छोड़ा,
 पाप का घर तेरा भर गया है
 आ गया है समय परिणाम भुगतने का।
 
भूल गयाथा तू इतिहास को
 हर काम का कीमत चुकाना पड़ता है,
अब क्या करोगे जान के
 यह तो अब तेरा साथ होना है।


समयका चक्का ऐसा ही होता है
 शक्तिशाली शक्तिहीन हो जाता है,
 और, लाचार महाबलशाली,
 इसलिए याद रखो इस बात को
 शक्तिको अच्छे काम में लगाना,
 और बुड़ा काम से दूर रहना,
 वरना समय कभी रुकता नहीं
 परिणाम जरूर होगा भुगतना।


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