समय - एक कविता। Time - A Poem

 समय 

समय - एक कविता। Time - A Poem


सब कहता है

 समय अगर निकल गया

 तो लौटके आता नहीं,

 समय रहते अगर कुछ किया नहीं

 तो जिंदगी में आगे बढ़ोगे नहीं।

पर मेरा मानना है 

समय लौट आता है उन लोगों के

 जिसमें है क्षमता सेहनेका।

 और जेसवा कुछ करने का।

 

जो आज अच्छा नहीं 

वह आगे बदलेगा,

 पुराना दिन फिर लौट आएगा 

यही तो है इस समयका चक्र

 पर सबके लिए नहीं!

 ज्यादातर तो आज में जीते हैं 

वह तो कुछ होता है 

जो आगे का सोचता है।


समय के साथ नहीं 

सामने चलना सीखो,

 डरकर नहीं 

खुलकर जीना सीखो।

मिलेगा हर खुशी

 जो बीत गया इया आया नहीं 

सिर्फ मेहनत करते चलो 

कभी रुकना नहीं।



पढ़िए अगला कविता (शिक्षण)

पढ़िए पिछला कविता (बदलते दिन)

समय - एक कविता। Time - A Poem


Comments

Popular posts from this blog

नया शुरुआत - एक कविता। New Beginning - A Poem

ওয়াল ম্যাগাজিন - একটি কবিতা। Wall Magazine - A Poem

ফেয়ারওয়েল কবিতা। Farewell - A Poem

Social Service - A Poem

বিদ্যাসাগর - একটি কবিতা। Vidyasagar - A Poem

Greed - A Short Story

Something Special - A Poem