रास्ता - एक कविता। Way - A Poem
रास्ता
रास्ता अब दिख रहा है मुझे
चलना सिर्फ बाकी है,
जिंदगी का वह मकाम
हासिल करना सिर्फ बाकी है।
है हौसला मेहनत करने का
बिन पहुंची मैं नहीं रुकूंगा।
जितना भी आए कठिनाई
अब मुझे रुकना नहीं,
रुकावट कैसा भी हो
कोई फर्क नहीं ,
बादा है यह खुदसे
मौकाम पहुंचे बिना मैं रुकूंगा नहीं।
ढूंडा बहुत, कितना मटका
अब जाकर मुझे रास्ता मिला,
चलना है मुझे सोच समझ कर
साथ-साथ धीरज रखना है,
तभी चल सकूंगा अच्छे तराहसे
पहुंच सकूंगा अपनी मौकाम पर।
कहते हैं मेहनत बिना कुछ नहीं मिलता
अब समझ में आया
इस रास्ते के लिए मैं कितना भटका,
जवाब नहीं था, पर विश्वास था
उसका ही फल मुझे आज मिला।
अब सिर्फ चलना है मुझे
मेरे मुकाम पर पहुंचना है मुझे।
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