संदेश। A Poem on News
संदेश तेरे बारेमें कहना क्या कहना क्या कामहै तेरा जाकर बोलना कुछ हुआहै या होने वालाहै अच्छा या बुरा किसीके जिंदगी में! पर, दूसरा और एक संदेश है जो ना औच्छा, ना बुरा होता है, जिसका काम है सिर्फ आतंक फैलाना पर बादमें बहुत खुशी देताहै! पहले मानसिक दबाव बराताहै यह देखनेकेलिए, कि तुम कितना काबिलहो, झेलने उतर-चढ़ाव इस जिंदगीमें! भेजनेवालेकाभी मकसद एक नहीं, कुछ अच्छे, तो कुछ बोलाभी नहीं वह देखतेहैं तुम असली या नकली! तुम्हें सिर्फ सतर्क रहनाहै काम करनाहै वरतके सावधानी! परिये अगले कविता (रुपिया) परिये पिछले कविता (बीमारी)